Monday, April 27, 2009
Doctor's Affair
Road Per Sexy Aunty
ससुर जी की जवानी
उनीस साल की होते ही कोमल की शादी हो गई. कोमल ने शादी तक अपने कुंवारे बदन को संभाल के रखा था. उसने सोच रखा था की उसका कुंवारा बदन ही उसके पति के लीये सुहाग रात को एक उन्मोल तोह्फहोगा. सुहाग रात को पति का मोटा लम्बा लंड देख कर कोमल के होश उर गए थे. उस मोटे लंड ने कोमल की कुंवारी चूत लहू लुहान कर दी थी. शादी के बाद कुछ din तो कोमल का पति उसे रोज़ चार पाँच बार चोद्ता था. कोमल भी एक लम्बा मोटा लौडा पा कर बहुत खुश थी. लेकीन धीरे धीरे चुदाई कम होने लगी और शादी के एक्साल बाद तो ये नौबत आ गई थी की महीने में मुश्किल से एक दो बार ही कोमल की चुदाई होती. हालांकी कोमल ने सुहाग रात को अपने पति को अपनी कुंवारी चूत का तोहफा दीया था, लेकीन वो बचपन से ही बहुत कामुक लड़की थी. बस कीसी तरह अपनी वासना को कंट्रोल करके, अपने School और कॉलेज के लड़कों और टीचर्स से शादी तक अपनी चूत को बचा के रखने में सफल हो गई थी. महीने में एक दो बार की चुदाई से कोमल की वासना की प्यास कैसे बुझती ? उसे तो एक दिन में कम से कम तीन चार बार चुदाई की ज़रूरत थी.
आखिकार जब कोमल का पति जब तीन महीने के लीये टुर पे गया तो कोमल के देवर ने उसके अकेलेपन का फायदा उठा कर उसकी वासना को तृप्त किया. अब तो कोमल का देवर रामू कोमल को रोज़ चोद कर उसकी प्यास बुझाता था. एक दिन गाँव से टेलीग्राम आया की सास की तबियत कुछ ख़राब हो गई है. कोमल के ससुर एक बड़े ज़मींदार थे. गाँव में उनकी काफ़ी खेती थी. कोमल का पति राजेश काम के कारण नहीं जा सकता था और देवर रामू का कॉलेज था. कोमल को ही गाँव जाना पड़ा. वैसे भी वहां कोमल की ही ज़रूरत थी, जो सास और सुर दोनों का ख्याल कर सके और सास की जगह घर को संभाल सके. कोमल शादी के फौरन बाद अपने ससुराल गई थी. सास सौर की खूब सेवा करके कोमल ने उन्हें खुश कर दीया था. कोमल की खूबसूरती और भोलेपन से दोनों ही बहुत प्राभवित थे. कोमल की सास माया देवी तो उसकी प्रशंसा करते नहीं थकती थी. दोनों इतनी सुंदर, सुशील और मेहनती बहू से बहुत खुश थे. बात बात पे शर्मा जाने की अदा पे तो ससुर रामलाल फीदा थे. उन्होंने ख़ास कर कोमल को कम से कम दो महीने के लीये भेजने को कहा था. दो महीने सुन कर कोमल का कलेजा धक् रह गया था. दो महीने बिना चुदाई के रहना बहुत मुश्किल था. यहाँ तो पति की कमी उसका देवर रामू पूरी कर देता था. गाँव में दो महीने तक क्या होगा, ये सोच सोच कर कोमल परेशान थी लेकीन कोई चारा भी तो नहीं था. जाना तो था ही. राजेश ने कोमल को कानपूर में ट्रेन में बैठा दीया. अगले दिन सबह ट्रेन गोपालपुर गाँव पहुँच गई जो की कोमल की सौराल थी.
कोमल ने चूरिदार पहन रखा था. कुरता कोमल के घुटनों से करीब आठ इंच ऊपर था और कुरते के दोनों साइड का कटाव कमर तक था. चूरिदार कोमल के नितम्ब तक तैघ्त था. चलते वक्त जब कुरते का पल्ला आगे पीछे होता या हवा के झोंके से उठ जाता तो तिघ्त चूरिदार में कसी कोमल की टांगें, मदहोश कर देने वाली मांसल जांघें और विशाल नितम्ब बहुत ही Sexy लगते. ट्रेन में सब मर्दों की नज़रें कोमल की टांगों पर लगी हुई थी. स्टेशन पर कोमल को लेने सास और ससुर दोनों आए हुए थे. कोमल अपने ससुर से परदा कत्र्ती थी इसलिए उसने चुन्नी का घूँघट अपने सिर पे ले लिया. अभी तक जो चुन्नी कोमल की छातीयों के उभार को छुपा रही थी, अब उसके घूँघट का काम करने लगी. कोमल की बड़ी बड़ी छातियन स्टेशन पे सबका ध्यान खींच रही थी. कोमल ने झुक के सास के पाँव छूए. जैसे ही कोमल पों छूने के लीये झुकी रामलाल को उसकी चूरिदार में कसी मांसल जांघें और नितम्ब नज़र आने लगे. रामलाल का दिल एक बार तो धड़क उठा. शादी के बाद से बहू किखूब्सूरती को चार चाँद लग गए थे. बदन भर गया था और्जवानी पूरी तरह नीखर आई थी. रामलाल को साफ दीख रहा था की बहू का तिघत चूरिदार और कुरता बरी मुश्किल से उसकी जवानी को समेटे हुए थे. सास से आशिर्वाद लेने के बाद कोमल ने सुर्जी के भी पैर छूए. रामलाल ने बहू को प्यार से गले लगा लीया. बहू के जवान बदन का स्पर्श पाते ही रामलाल कांप गया. कोमल की सास माया देवी बहू के आने से बहुत खुश थी. स्टेशन के बाहर नीकल कर उन्होंने तांगा कीया. पहले माया देवी टाँगे पे चढी. उसके बाद रामलाल ने बहू को चढ़ने दीया. रामलाल को मालूम था की जब बहू टाँगे पे चढ़ने के लीये टांग ऊपर करेगी तो उसे कुरते के कटाव में से बहू की पूरी टांग और नितम्ब भी देखने को मिल जाएंगे. वाही हुआ. जैसे ही कोमल ने टाँगे पे बैठने के लीये टांग ऊपर की राम्म्लाल को चूरिदार में कसी बहू की Sexy टांगों और भारी चूतडों की झलक मिल गई. यहाँ तक की रमलाल को चूरिदार के सफ़ेद महीन कपरे में से बहू की कच्छी (पैंटी) की भी झलक मिल गई. बहू ने गुलाबी रंग की कच्छी पहन रखी थी. अब तो रामलाल का लंड भी हरकत करने लगा. उसने बरी मुश्किल से अपने को संभाला. रामलाल को अपनी बहू के बरे में ऐसा सोचते हुए अपने ऊपर शरम आ रही थी. वो सोच रहा था की मैं कैसा इंसान हूँ जो अपनी ही बहू को ऐसी नज़रों से देख रहा हूँ. बहू तो बेटी के समान होती है. लेकीन क्या करता ? था तो मरद ही. घर पहुँच कर सास ससुर ने बहू की खूब खातिरदारी की.
गाँव में आ कर अब कोमल को १५ दिन हो चुके थे. सास की तबियत ख़राब होने के कारण कोमल ने सारा घरका काम संभाल लीया था. उसने सास ससुर की खूब सेवा करके उन्हें खुश कर दीया था. गाँव में औरतें लहंगा चोली पहनती थी, इसलिए कोमल ने भी कभी कभी लहंगा चोली पहनना शुरू कर दीया. लहंगे चोली ने तो कोमल की जवानी पे चार चाँद लगा दिए. गोरी पतली कमर और उसके नीचे फैलते हुए भारी नितम्ब ने तो रामलाल का जीना हराम कर रखा था.
कोमल का ससुर रामलाल एक लम्बा तगर आदमी था. अब उसकी उम्र करीब ५५ साल हो चली थी. जवानी में उसे पहलवानी का शौक था. आज भी उसका जिस्म बिल्कुल गाथा हुआ था. रोज़ लंगोट बाँध के कसरत करता था और पूरे बदन की मालिश करवाता था. सबसे बरी चीज़ जिस पर उसे बहुत नाज़ था, वो थी उसके मुस्क्लेस और उसका ११ इंच लम्बा फौलादी लंड. लेकीन रामलाल की बदकिस्मती ये थी की उसकी पत्नी माया देवी उसकी वासना की भूख कभी शांत नहीं कर सकी. माया देवी धार्मिक स्वभाव की थी. उसे सेक्स का कोई शौक नहीं था. रामलाल के मोटे लंबे लौदे से डरती भी थी क्योंकि हेर बार चुदाई में बहुत दर्द होता था. वो मजाक में रामलाल को गधा कहती थी. पत्नी की बेरुखी के कारण रामलाल को अपने जिस्म की भूख मिटाने के लीये दूसरी औरतों का सहारा लेना पड़ा. राम लाल के खेतों में कई औरतें काम करती थी. In मजदूर औरतों में से सुंदर और जवान औरतों को पैसे का लालच दे कर अपने खेत के पम्प हौस में चोद्ता था. जिन औरतों को रामलाल ने एक बार चोद दीया वो तो मानो उसकी गुलाम बुन जाती थी. आख़िर ऐसा लम्बा मोटा लंड बहुत किस्मत वाली औरतों को ही नसीब होता है. तीन चार औरतें तो पहली चुदाई में बेहोश भी हो गई. दो औरतें तो ऐसी थी जिनकी चूत रामलाल के फौलादी लौदे ने सुच्मुच ही फाड़ दी थी. अब तक रामलाल कम से कम बीस औरतों को चोद चुका था. लेकीन रामलाल जानता था की पैसा दे कर चोदने में वो मज़ा नहीं जो लड़की को पटा के चोदने में है. आज तक चुदाई का सबसे ज़्यादा मज़ा उसे अपनी साली को चोदने में आया था. माया देवी की बहिन सीता, माया देवी से १० साल छोटी थी. रामलाल ने जब उसे पहली बार चोदा उस वक्त उसकी उम्र १७ साल की थी. कॉलेज में पर्ती थी. गर्मिओं की छुट्टी बिताने अपने जीजा जी के पास आई थी. बिल्कुल कुंवारी चूत थी. रामलाल ने उसे भी खेत के पम्प हौस में ही चोदा था. रामलाल के मूसल ने सीता की कुंवारी नाज़ुक सी चूत को फाड़ ही दीया था. सीता बहुत चिल्लाई थी और फीर बेहोश हो गई थी. उसकी चूत से बहुत खून निकला था. रामलाल ने सीता के होश में आने से पहले ही उसकी चूत का सारा खून साफ कर दीया था ताकी वो डर न जाए. रामलाल से चुदने के बाद सीता सात दिन ठीक से चल भी नहीं पाई और जब ठीक से चलने लायक हुई तो शहर चली गई. लेकीन ज़्यादा दिन शहर में नहीं रह सकी. रामलाल के फौलादी लौडे की याद उसे फीर से अपने जीजू के पास खींच लायी. इस बार तो सीता सिर्फ़ जीजा जी से चुदवाने ही आई थी. रामलाल ने तो समझा था की साली जी नाराज़ हो कर चली गई. आते ही सीता ने रामलाल को कहा ” जीजा जी मैं सिर्फ़ आपके लीये ही आई हूँ.” उसके बाद तो करीब रोज़ ही रामलाल सीता को खेत के पम्प हौस में चोद्ता था. सीता भी पूरा मज़ा ले कर चुदवाती थी. रामलाल के खेत में काम करने वाली सभी औरतों को पटा था की जीजा जी साली की खूब चुदाई कर रहे हैं. ये सिलसिला करीब चार साल चला. सीता की शादी के बाद रामलाल फीर खेत में काम करने वालिओं को चोदने लगा. लेकीन वो मज़ा कहाँ जो सीता को चोदने में आता था. बरे नाज़ नखरों के साथ चुदवाती थी. शादी के बाद एक बार सीता गाँव आई थी. मोका देख कर रामलाल ने फीर उसे चोदा. सीता ने रामलाल को बताया था की रामलाल के लंबे मोटे लौडे के बाद उसे पति के लंड से त्रिप्ती नहीं होती थी. सीता भी राम लाल को कहती ” जीजू आपका लंड तो सुच्मुच गधे के लंड जैसा है.” गाँव में गधे कुछ ज़्यादा ही थे. जहाँ नज़र डालो वहीं चार पाँच गधे नज़र आ जाते. कुछ दिन बाद सीता के पति और सीता दुबई चले गए. उसके बाद से रामलाल को कभी भी चुदाई से तृप्ति नहीं मिली. अब तो सीता को दुबई जा कर २० साल हो चुके थे. रामलाल के लीये अब वो सिर्फ़ याद बुन कर रह गई थी. माया देवी तो अब पूजा पथ में ही ध्यान लगाती थी. इस उम्र में खेत में काम करने वाली औरतों को भी छोड़ना मुश्किल हो गया था. अब तो जब कभी माया देवी की कृपा होती तो साल में एक दो बार उनको चोद कर ही काम चलाना परता था. लेकीन माया देवी को चोदने में बिल्कुल भी मज़ा नहीं आता था. धीरे धीरे रामलाल को विश्वास होने लगा था की अब उसकी चोदने की उम्र नीकल गई है. लेकीन जब से बहू घर आई थी रामलाल की जवानी की यादें फीर से ताज़ा हो गई थी. बहू की जवानी तो सुच्मुच ही जान लेवा थी. सीता तो बहू के सामने कुछ भी नहीं थी. शादी कऐ बाद से तो बहू की जवानी मनो बहू के ही काबू में नहीं थी. बहू के कपरे बहू की जवानी को छुपा नहीं पाते थे. जब से बहू आई थी रामलाल की रातों की नींद उर गई थी. बहू रामलाल से परदा करती थी. मुंह तो दहक लेती थी लेकीन उसकी बड़ी बड़ी छूचियन खुली रहती थी. गोरा बदन, लंबे काले घने बाल, बड़ी बड़ी छातियन, पतली कमर और उसके नीचे फैलते हुए चूतडों बहुत जान लेवा थे. तिघत चूरिदार में तो बहू की मांसल टांगें रामलाल की वासना भड़का देती थी. कोमल जी जान से अपने सास ससुर की सेवा करने में लगी हुई थी.कोमल को महसूस होने लगा था की सुर्जी उसे कुछ अजीब सी नाज्रोंसे देखते हैं. वैसे भी औरतों को मरद के इरादों का बहुत जल्दिपता लग जाता है. फीर वो अक्सर सोचती की शायद ये उसका वहम है.सुर जी तो उसके पिता के समान थे.एक दिन की बात है. कोमल ने अपने कपरे धो कर छत पर सूख्नेदाल रखे थे. इतने में घने बादल छा गए. बारिश होने कोठी. रामलाल कोमल से बोले,” बहू बारिश होने वाली है मैं ऊपर से कपडे ले आता हूँ.”" नहीं. नहीं पिताजी आप क्यों तकलीफ करते हैं मैं अभी जा के लाती हूँ.” कोमल बोली. उसे मालूम था की आज सिर्फ़ उसी के कपडे सूख रहे थे.” अरे बहू टब सारा दिन इतना काम करती हो. इसमे तकलीफ कैसी? हमें भी तो कुछ काम करने दो.” ये कह के रामलाल चाट पे चल पड़ा. छत पे पहुँच के रामलाल को पटा लगा की क्यों बहू ख़ुद ही कपरे लेन की जीद कर रही थी. डोरी पर सिर्फ़ दो ही कपरे सूख रहे थे. एक बहू की कच्छी और एक उसकी ब्रा. रामलाल का दिल ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगा.कितनी छोटी सी कच्छी थी, बहू के विशाल नितम्ब को कैसे धक्तिहोगी. रामलाल से नहीं रहा गया और उसने कोमल की पैंटी को डोरी सुतार लीया और हाथों में पैंटी के मुलायम कपरे को फील कर्नेलगा. फीर उसने पैंटी को उस जगह से सूंघ लीया जहाँ कोमल किचूत पैंटी से तौच करती थी. हालांकी पैंटी धुली हुई थी फीर भि राम्लाल औरत के बदन की खुशबू पहचान गया. रामलाल मन ही मन सोचने लगा की अगर धुली हुई कच्छी में से इतनी मादक खुश्बू आती है तो पहनी हुई कच्छी की गंध तो उसे पागल बना देगी. राम्लाल्का लौडा हरकत करने लगा. वो बहू की पैंटी और ब्रा ले कर नीचे आया,
” बहू ऊपर तो ये दो ही कपडे थे.” ससुर के हाथ में अपनी पंत्यौर ब्रा देख कर कोमल शरम से लाल हो गई. उसने घूघट तोनिकाल ही रखा था इसलिए रामलाल उसका चेहरा नहीं देख सकता था.कोमल शर्माते हुए बोली,” पिताजी इसीलिए तो मैं कह रही थी की मैं ले आती हूँ. आप्नेबेकार तकलीफ की.”
” नहीं बहू तकलीफ किस बात की? लेकीन ये इतनी छोटी सी कछितुम्हारी है?” अब तो कोमल का चेहरा टमाटर की तरह सुर्ख लाल होगया.
” ज्ज्ज..जी पिताजी.” कोमल सिर नीचे किए हुए बोली.” लेकीन बहू ये तो तुम्हारे लीये बहुत छोटी है. इससे तुम्हारा काम्चल तो जाता है न?”" जी पिताजी.” कोमल सोच रही थी की कीसी तरह ये धरती फत्जाए और मैं उसमे समा जाऊं.” बेटी इसमे शर्माने की क्या बात है ?. तुम्हारी उम्र में लड़किओं कि कछी अक्सर बहुत जल्दी छोटी हो जाती है. गाँव में तो और्तें कच्च्ही पहनती नहीं हैं. अगर छोटी हो गई है तो सासू माँ सेकः देना शहर जा कर और खरीद एंगी. हम गए तो हम ले आएँगे.लो ये सूख गई है, रख लो.” ये कह कर रामलाल ने कोमल को उस्कि पंटी और ब्रा दे दी. इस घटना के बाद रामलाल ने कोमल के साथ और्खुल कर बातें करना शुरू कर दीया था एक दिन माया देवी को शहर सत्संग में जन था. रामलाल उनको ले कर शहर जाने वाला था. दोनों घर से सबह स्टेशन की और चल पड़े.रास्ते में रामलाल के जान पहचान का लड़का कार से शहर जाता हामिल गया. रामलाल ने कहा की Aunty को भी साथ ले जाओ. लड़का मंगाया और माया देवी उसके साथ कार में शहर चली गई. रामलाल घर्वापस आ गया. दरवाज़ा उंदर से बूंद था. बाथरूम से पानी गिरने किअवाज़ आ रही थी. शायद बहू नहा रही थी. कोमल तो समझ रहिथि की सास ससुर शाम तक ही वापस लौटेंगे. रामलाल के कमरे का एक्दार्वाज़ा गली में भी खुलता था. रामलाल कमरे का टला खोल के अप्नेकमरे में आ गया. उधर कोमल बेखबर थी. वो तो समझ रही थीकि घर में कोई नहीं है. नहा कर कोमल सिर्फ़ पेटीकोट और ब्लाउज में ही बाथरूम से बाहर नीकल आई. उसका बदन अब भी गीला था. बाल भीगे हुए थे. कोमल अपनी पैंटी और ब्रा जो अभी उसने धोई थी सुखाने के लीये आँगन में आ गई. रामलाल अपने कमरे के परदे के पीछे से सारा नज़ारा देख रहा था. बहू को पेटीकोट और ब्लाउज में देख कर रामलाल को पसीना आ गया. क्या बाला की खूबसूरत थी.
बहुत कसा हुआ पेटीकोट पहनती थी. बदन गीला होने के कारण पेटीकोट उसके चूतडों से चिपका जा रहा था. बहू के फैले हुए चूतडों पेटीकोट में बरी मुश्किल से समा रहे थे. बहू का मादक रूप मनो उसके ब्लाउज और पेटीकोट में से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था. उफ क्या गद्राया हुआ बदन था. बहू ने अपनी धुली हुई कच्छी और ब्रा डोरी पर सूखने दाल दी. अचानक वो कुछ उठाने के लीये झुकी तो पेटीकोट उसके विशाल चूतडों पर कास गया. पेटीकोट के सफ़ेद कपरे में से रामलाल को साफ दीख रहा था की आज बहू ने काले रंग की कच्छी पहन रखी है. उफ बहू के सिर्फ़ बीस प्रतिशत चूतडों ही कच्छी में थे बाकी तो बाहर गिर रहे थे. जब बहू सीधी हुई तो उसकी कच्छी और पेटीकोट उसके विशाल चूतडों के बीच में phans gaye. अब तो रामलाल का लौडा फन्फनाने लगा. उसका मन कर रहा था की वो जा कर बहू के चूतडों की दरार में फँसी पेटीकोट और कच्छी को खींच के निकाल ले. बहू ने मानो रामलाल के दिल की आवाज़ सुन ली. उसने अपनी चूतडों की दरार में फँसे पेटीकोट को कींच के बाहर निकाला लीया. बहू आँगन में खरी थी इसलिए पेटीकोट में से उसकी मांसल टांगें भी नज़र आ रही थी. रामलाल के लंड में इतना तनाव सीता को चोदते वक्त भी नहीं हुआ था. बहू के Sexy चूतडों को देख के रामलाल सोचने लगा की इसकी गांड मार के तो आदमी धन्य हो जाए. रामलाल ने आज तक कीसी औरत की गांड नहीं मारी थी. असलियत तो ये थी की रामलाल का गधे जैसा लौडा देख कर कोई औरत गांड मरवाने के लीये राज़ी ही नहीं थी. माया देवी तो चूत ही बरी मुश्किल से देती थी गांड देना तो बहुत दूर की बात थी. एक दिन कोमल ने खेतों में जाने की इच्छा प्रकट की. उसने सासू माँ से कहा, ” मम्मी जी मैं खेतों में जाना चाहती हूँ, अगर आप इजाज़त देन तो आपके खेत और फसल देख औन. शहर में तो ये देखने को मिलता नहीं है.”
” अरे बेटी इसमें इजाज़त की क्या बात है? तुम्हारे ही खेत हैं जब चाहो चली जाओ. मैं अभी तुम्हारे ससुर जी से कहती हूँ तुम्हें खेत दिखाने ले जाएँ.”
” नहीं नहीं मम्मी जी आप पिताजी को क्यों परेशान करती हैं मैं अकेली ही चली जाउंगी.”
” इसमे परेशान करने की क्या बात है? कई दिन से ये भी खेत नहीं गए हैं तुझे भी साथ ले जाएंगे. जाओ टब तैयार हो जाओ. और हाँ लहंगा चोली पहन लेना, खेतों में जाने के लीये वही ठीक रहता है.” कोमल तैयार होने गई. माया देवी ने रामलाल को कहा,
” अजी सुनते हो, आज बहू को खेत दिखा लाओ. कह रही थी मैं अकेली ही चली जाती हूँ. मैंने ही उसको रोका और कहा ससुरजी तुझे ले जाएंगे.”
” ठीक है मैं ले जाऊंगा, लेकीन अकेली भी चली जाती तो क्या हो जाता ? गाँव में किस बात का डर?”"
” कैसी बातें करते हो जी? जवान बहू को अकेले भेजना चाहते हो. अभी नादाँ है. अपनी जवानी तो उससे संभाली नहीं जाती, अपने आप को क्या संभालेगी? ” इतने में कोमल आ गई. लहंगा चोली में बला की खूबसूरत लग रही थी.
” चलिए पिताजी मैं टायर हूँ.”
” चलो बहू हम भी टायर हैं.” ससुर और बहू दोनों खेत की और नीकल परे. कोमल आगे आगे चल रही थी और रामलाल उसके पीछे. कोमल ने घूंघट निकाल रखा था. रामलाल बहू की मस्तानी चाल देख कर पागल हुआ जा रहा था. बहू की पतली गोरी कमर बल खा रही थी. उसके नीचे फैले हुए मोटे मोटे चूतडों चलते वक्त ऊपर नीचे हो रहे थे. लहंगा घुटनों से थोड़ा ही नीचे था. बहू की गोरी गोरी टांगें और चूतडों तक लटकते लंबे घने काले बाल रामलाल की दिल की धड़कन बारह रहे थे. ऐसा नज़ारा तो रामलाल को ज़िंदगी में पहले कभी नसीब नहीं हुआ. रामलाल की नज़रें बहू के मटकते हुए मोटे मोटे चूतडों और पतली बल खाती कमर पर ही टिकी हुई थी. Un जान लेवा चूतडों को मटकते देख कर रामलाल की आंखों के सामने उस दिन का नजारा घूम गया जिस दिन उसने बहू के चूतडों के बीच उसके पेटीकोट और कच्छी को फँसे हुए देखा था. रामलाल का लौडा खड़ा होने लगा. कोमल घूंघट निकाले आगे आगे चली जा रही थी. वो अच्छी तरह जानती थी की ससुर जी की आँखें उसके मटकते हुए नितम्ब पे लगी हुई हैं. रास्ता संकरा हो गया था और अब वो दोनों एक पूग डंडी पे चल रहे थे. अचानक साइड की पूग डंडी से दो गधे कोमल के सामने आ गए. रास्ता इतना कम चौरा था की साइड से आगे निकलना भी मुश्किल था. मजबूरन कोमल को गधों के पीछे पीछे चलना पड़ा. अचानक कोमल का ध्यान पीछे वाले गधे पे गया.
” अरे पिताजी देखिये ये कैसा गधा है ? इसकी तो पाँच टांगें हैं.” कोमल आगे चल रहे गधे की और इशारा करते हुए बोली.
” बेटी, टब तो बहुत भोली हो, ज़रा ध्यान से देखो इसकी पाँच टांगें नहीं हैं.” कोमल ने फीर ध्यान से देखा तो उसका कलेजा दहक सा रह गया. गधे की पाँच टांगें नहीं थी, वो तो गधे का लंड था. बाप रे क्या लम्बा लंड था ! ऐसा लग रहा था जैसे उसकी टांग हो. कोमल ने ये भी नोटिस कीया की आगे वाला गधा, गधा नहीं बल्कि गधी थी क्योंकि उसका लंड नहीं था. गधे का लंड खरा हुआ था. कोमल समझ गई की गधा क्या करने वाला था. अब तो कोमल के पसीने चूत गए. पीछे पीछे ससुर जी चल रहे थे. कोमल अपने आप को कोसने लगी की ससुर जी से क्या सवाल पूछ लीया. कोमल का शरम के मरे बुरा हाल था. रामलाल को अच्छा मोका मिल गया था. उसने फीर से कहा,
” बोलो, बहू हैं क्या इसकी पाँच टांगें ?” कोमल का मुंह शरम से लाल हो गया, और हक्लाती हुई बोली,
” जज..जी चार ही हैं.”
” तो वो पांचवी चीज़ क्या है बहु?”
” ज्ज्ज…जी वो तो ……जी हमें नहीं पटा.”
„ पहले कभी देखा नहीं बेटी ?” रामलाल मेज़ लेता हुआ बोला.
” नहीं पिताजी.” कोमल शर्माते हुए बोली.
” मर्दों की टांगों के बीच में जो होता है वो तो देखा है न?”
” जी..” अब तो कोमल का मुंह लाल हो गया.
” अरे बहू जो चीज़ मर्दों के टांगों के बीच में होती है ये वाही चीज़ तो है.” रामलाल कोमल के साथ इस तरह की बातें कर ही रहा था की वाही हुआ जो कोमल मन ही मन मन रही थी की ना हो. गधा अचानक गधी पे चढ़ गया और उसने अपना तीन फ़ुट लम्बा लंड गधी की चूत में पेल दीया. गधा वहीं खरा हो कर गधी के उंदर अपना लंड पेलने लगा. इतना लम्बा लंड गधी की चूत में जाता देख कोमल हार्बर कर रुक गई और उसके मुंह से चीख नीकल गई,
” ऊओईइ मा….”
” क्या हुआ बहू ?”
” ज्ज्ज..जी कुछ नहीं.” कोमल घबराते हुए बोली.
” लगता है हमारी बहू डर गई.” रामलाल मौके का पूरा फायदा उठता हुआ दरी हुई कोमल का साहस बर्हाने के बहाने उसकी पीठ पे हाथ रखता हुआ बोला.
” जी पिताजी.”
” क्यों डरने की क्या बात है ?”
” वैसे ही.”
” वैसे ही क्या मतलब ? कोई तो बात ज़रूर है. पहली बार देख रही हो न?” रामलाल कोमल की पीठ सहलाता हुआ बोला.
” जी.” कोमल शर्माते हुए बोली.
” अरे इसमें शर्माने की क्या बात है बहु. जो राकेश तुम्हारे साथ हेर रात करता है वाही ये गधा भी गधी के साथ कर रहा है.”
” लेकीन इसका तो इतना…….” कोमल के मुंह से अनायास ही नीकल गया और फीर वो पच्छ्तायी..
” बहुत बड़ा है बहु?” रामलाल कोमल की बात पूरी करता हुआ बोला.
अब रामलाल का हाथ फिसल कर कोमल के नितम्ब पे आ गया था.
” ज्ज्जी….” कोमल सिर नीचे किए हुए बोली.
” ओ ! तो इसका इतना बार देख के डर गई ? कुछ मर्दों का भी गधे जैसा ही होता है बहु. इसमें डरने की क्या बात है ?. जब औरत बरे से बार झेल लेती है, फीर ये तो गधी है.”
कोमल का चेहरा शरम से लाल हो गया था. वो बोली,
” चलिए पिताजी वापस चलते हैं, हमें बहुत शरम आ रही है.”
” क्यों बहू वापस जाने की क्या बात है? तुम तो बहुत शर्माती हो. बस दो मिनट में इस गधे का काम खत्म हो जाएगा फीर खेत में चैलेन्ज.” बातों बातों में रामलाल एक दो बार कोमल के नितम्ब पे हाथ भी फेर चुक्का था. रामलाल का लंड कोमल के मुलायम नितम्ब पर हाथ फेर के खड़ा होने लगा था. वो कोमल की पैंटी भी फील कर रहा था. कोमल क्या करती ? घूंघट में से गधे को अपना लंड गधी के उंदर पेलते हुए देखती रही. इतना लम्बा लंड गधी के उंदर बाहर जाता देख उसकी चूत पे भी चीतियन रेंगने लगी थी.
कोमल को रामलाल का हाथ अपने नितम्ब पर महसूस हो रहा था. इतनी भोली तो थी नहीं. दुनियादारी अच्छी तरह से समझती थी. वो अच्छी तरह समझ रही थी की ससुर जी मौके का फायदा उठा के सहानुभूति जताने का बहाना करके उसकी पीठ और नितम्ब पे हाथ फेर रहे हैं. इतने में गधा झर गया और उसने अपना तीन फ़ुट लम्बा लंड बाहर निकाल लीया. गधे के लंड में से अब भी वीर्य गिर रहा था. ससुर जी ने दोनों गधों को रास्ते से हटाया और कोमल के चूतडों पे हथेली रख कर उसे आगे की और हलके से धक्का देता हुआ बोला,
” चलो बहू अब हम खेत चलत हैं.”
” चलिए पिताजी.”
” बहू मालूम है तुम्हारी सासू माँ भी मुझे गधा बोलती है.”
” हा.. ! क्यों ? आप तो इतने अच्छे हैं.”
” बहू तुम तो बहुत भोली हो. वो तो कीसी और वझे से मुझे गधा बोलती है.” अचानक कोमल रामलाल का मतलब समझ गई. शायद ससुर जी का लंड भी गधे के लंड के माफिक लम्बा था तुभी सासू माँ ससुर जी को गधा बोलती थी. इतनी सी बात समझ नहीं आई ये सोच कर कोमल अपने आप को मन ही मन कोसने लगी. कोमल सोच रही थी की ससुर जी उससे कुछ ज़्यादा ही खुल कर बातें करने लगे हैं. इस तरह की बातें बहू और ससुर के बीच तो नहीं होती हैं. बात बात में प्यार जताने के लीये उसकी पीठ और नितम्ब पे भी हाथ फेर देते थे.थोरी ही देर में दोनों खेत में पहुँच गए. रामलाल ने कोमल को सारा खेत दिखाया और खेत में काम करने वाली औरतों से भी मिलवाया. कोमल थक गई थी इसलिए रामलाल ने उसे एक आम के पैर के नीचे बैठा दीया.
” बहू तुम यहाँ आराम करो मैं कीसी औरत को तुम्हारे पास भेजता हूँ. मुझे थोड़ा पम्प हौस में काम है.”
” ठीक है पिताजी मैं यहाँ बैठ जाती हूँ.”
रामलाल पम्प हौस में चला गया. ……
Saturday, April 25, 2009
Bhabhi ne kaam karvayaa
Achanak nind me muje aisa ahsas hua ki koi muje chhu raha hai. Dhire se jaga lekin Andhera tha to kuch dikhai nahi diya. Lekin mere pajama pe mere lund ke pass koi touch kar raha tha. Muje to achha bi laga to mai khamosh raha. Lekin vo hath apna kam karta raha aur fir hath ne mere lund ko pakad liya. Dhire se pajama kholke lund bahar bi aa gaya. Maine vo hath pakad liya to vo bhabhi ka hath tha. Mai kuch bol nahi paya. Lekin bhabhi ne dusare hath se mera hath pakad ke apane mummo pe rakh diya. Fir bi mai khamosh raha aur hath ko hilaya bi nahi. Bhabhi ne ab mere hath pe apana hath rakh kar mere hath se apane mummo ko dhire dhire dabana shuru kiya. To mai jaise nind se jaga hu vaise baith gaya. Bhabhi boli kya hua to maine kuch nahi kaha. Bhabhi ne muje sula diya aur mujse chipak ke so gayi. Aur bina bole apna blouse kholake mere muh ko apne mummo ke pass rakh diya aur dhire se phusphusai ke dudh pi lo. Ab muje to man kar raha tha to maine mummo ko pina shuru kiya aur bhabhi ne mere lund firse sehlana shuru kiya. Mai dhire se bol pada “Bhabhi, chodavanu chhe?. (Bhabhi kya hum .. karne wale hai?) Bhabhi ne sirf hu kahse muje aur jakad liya. Maine kaha “Me koi divas chodyu nathiâ. (Maine kabhi..nahi ki hai). Vo fir thoda hans padi aur boli (Sikh jaaoge). Fir bhabhi ne mera hath pakda aur apna sari aur peticot upar kar ke mere hath ko apni .. pe rakh diya. .. ke jagah pe bal the aur mai sirf vaha hath se sahala raha tha. Bhabhi ab baith gai aur apna sir juka ke mera lund apane muhme le kar chusne lagi. Mai to aur garam ho gaya aur utne me hi mere lund ne jawab de diya. Sara pani bhabhi ke muh me chala gaya aur lund sikudne laga. Lekin bhabhi ne use chhoda nahi aur firse lund chusne lagi.
Thodi der me mera lund fir tan gaya to bhabhi boli upar aa ja. Mai unke upar sawar ho gaya lekin muje to .. ka rasta hi nahi mil raha tha. Mai to sirf lund ko ... pe daba ke ragad hi raha tha. Bhabhi fir hans padi aur muje boli thoda upar ho ja aur dono ke bich hath dal ke unhone mera lund pakada aur apni ... ke muh par rakh diya aur boli dhire se dhakka lagao. Maine jaise hi dhakka lagaya to josh me pura lund andar ho gaya. Bhabhi ki siskari nikal gai. Maine jaise swarg me pahunch gaya. Lagta tha mere lund ke aaspass velvet ki makhamali gili diware hai jinhone mere lund ko jakad liya hai. Maine to anjaneme hi gasse lagane chalu kar diye. Bhabhi bolti hi rahi dhire dhire lekin mere josh kea aage unka kuchh na chala aur sirf 3 minutes me mai fir khalas ho gaya. Lekin is bar jab mai khalas hua to mere lund se dher sara pani nikala aur bhabhi ki ....bhar gai. Mai to unpar hi pada raha lekin Bhabhi ne muje apne hathose mere pith sahalate bataya ke tum naye khiladi ho aur josh me aisa kar baithe lekin ab ki bar jab karo to sabr se karna nahi to ladki to koi santushti nahi milegi aur ladki adhuri rah jayegi. Fir hum lete lete guspur bate kar rahe the aur bhabhi muje chodane ke tarike bata rahi thi.
Bhai or Uska Dost
Meri Sexy Naukrani
Kunwari Chut
Didi ko blouse utarte dekh kar main garam ho go gaya lekin main apne aap par kabu rakha. Maine didi se kaha, “mere teachers kahate hai ki raat ko sote waqt sharer par koi tight kapara nahee hona chahiye.” didi bhi boli, “han bhai, class ki larkian bhi kahatee hai ki raat ko sote samay bra aur panty utar kar soni chahiye naheeto unka daag sharer par reh jata hai.” mai didi ki bat sun kar bola, “didi tab to tumo bhi bra aur panty pahan kar nahee sona chahiye.” udhar peeche mera hath didi ke peeth se hokar didi ke chutar tak pahunch chukka tha. Mai apne hathon se didi ke petticoat unke chutar ke upar tak kheench diya tha aur is samay mera hath unki jangh aur unki chutar ko sahala raha tha. Didi mere sine me apna chehera chupate hue boli, “bhai, tum apni maa se to nahee kahoge ki mai tumhare samne apne kapare utara tha?” mai tab didi ki chutar ko pane hath se pakar kar bola, “mai promise karta hun ki mai kabhi bhi maa ya kisi se bhi nahee kahynga ki tumne garmee ke mare mere samne apne kapare utarDiya tha.” didi tab apne peeche hath le jakar apne bra ka hock khol diya aur apni bra utar dee. Ab didi bhi mere jaisa upar ke sharer se nangee ho gayee. Kamare ki halki roshni me didi ka gora badan hire ki tarah chamak raha tha. Didi ki chunchian bahut sexy thi aur khare the. Is samay jabki didi meri taraf karwat le kar letee thee, unki chunchian apne bajan se neeche ke tarah lurak gayee thee. Mai apne aap ko didi ki chunchee chune se rok nahee pa raha tha.
Mai apne hath didi ke chutar par se hata liya aur apne do ungleee ke beech didi ki ek nipple le liya. Didi ki chunchee to bari bari thee lekin unka nipple chote chote the aur unka aerola bhi bahut chita tha. Nipple ki size kareeb chota mungfali ke saman tha. Main didi ki nipple ko apne do unglee ke beach me lekar jor se daba diya. “ouch, bhai, dard karta hai, dhire dhire sahlao.” mai apni didi ki baat man kar unki nipple ko dhire dhire se sahalane laga aur phir unki puri chunchee apne hath me le kar dhire dhire dabane laga. Didi ki chunchee ko sahalate hue maine didi se pucha, “didi pahle kisine aise chunchee dabai hai? Maja aa raha hai na?” didi siskari bhartee hue boli, “bahut maza aa raha hai. Pahle kuch ladko ne kapde ke upar se chunchee dabai thi, usme maza nahi aaya tha. Aaj bahut achha lag raha hai. Dabate raho.” phir main apne pet ke bal let gaya aur didi ki dono chuncheion ko apne hathon me le kar dhire dhire dabane laga aur sahalane laga. Didi apne chunchee dabwate hue mujhSe boli, “bhai, tum ne mujhe pagal kar diya hai, mere pure badan main aag jhal rahi hai. Garmi aur badh gai hai.” mai apne dono hathon ko didi ke kandhon ke neeche le jakar didi ko apne se lipta liya. Didi ne bhi apni badan mere se lipta liya. Ab didi ki dono chunchean mere chatee se daba rahe the aur mujhko unki garmee ka ehsas ho raha tha. Mai didi ko hothon ko apne hothon se laga kar khub kas kar chuma aur apna ek hath se didi ki ek chunchee ko pakar kar sahalate hue dusre hath didi ke sharir par pherne laga. Didi ka badan bahut chikna tha aur main ek jawan larkee ke badan ko sahala raha tha. Mai apna hath didi ke sharir ke nechle hisse me le jane laga to mera hath didi ki petticoat par ja kar ruk gaya. Udhar main didi ke hithin ko chum raha tha.
Mai didi le petticoat ke nare me pehale apna phera aur phir main dhire se petticoat ke narra ko khol diya. Petticoat ke narre ko khol kar maine usko didi ke janghon ke neeche sarka diya. Ab mera hath didi ki kori bina chudi garam choot ke upar tha. Didi ki choot par jhante thee lekin wo mere hathon ko rok nahee pa raha tha aur mera hatha didi ki choot ki hothon ko chute hue didi ki choot ke gate me ghus gaya. Jaise hi mera unglee didi ki choot ke andar gaya didi ki janghe apne aap khul gaya. Aur mera unglee theek tarike se didi ki choot me andar bahar hone laga. Didi ne mere muh ko apne chunchee par kas kar daba liya aur apne janghon se mera hath ko daba liya aur chatpata kar bolne lagee, “bhai, usko mat chhuo, nahito mai sambhal nahi paungi. Meri jangho aur chuttar ko sahlao lekin apna hath wahan se hata lo.” phir bhi mai apna hath didi ki choot par rakh chora aur didi se pucha, “didi, isko tum kya bolti ho.” didi chup rahee. Mai phir bola, “bolo nahi to mai phir anguli andar daalDunga.” didi boli, “choot” aur mujh ko apne se lipta kar mujh ko jor jor se chumne lagee.
Mai didi ke choot par se apna hath hata liya aur un ke jangh lo sahalate hue mai phir se unki chunchee par hath le gaya aur unki nipple se khelne laga. Ab didi bhi apni hath mere sharir par pherne lagee. Didi ka hath mere pent tak pahunch gaya. Mere pent ke upar apni hath rakhte hue didi boli, “bhai, tumne mujhe bilkul nanga kar diya aur khud pent pahan ke bhaithe ho. Isko kholo.” didi ko tasalee nahee ho rahee thee, unhone apne hathon se mere pent ke button khol kar mera pent mere janghon se neeche kar diya. Ab hum bhai aur bahan dono ke dono nange the. Main didi ki chunche se khelte hue un se bola, “didi, tum bahut sundar ho, mai tumhe theek se light me dekhna chahta hun.” mai uth kar kamare ki light jala diya aur phir se bister par apne nangee didi ke pas aa gaya. Didi light me sharmate hue apne pet ke bal let gayee aur apne chehere ko apne hathelion me chupa liya. Kamare ki roshni me didi ka rang bilkul dhudhiya lag raha tha aur bahut hi sunder lag rahee thee. Mai ne apna hath didiKe kandhon par rakha aur unko sahalane laga. Phir mai apna hath didi ke patlee kamar se hote hue unke gol gol bhare hue chutar, chikni janghon se hote hue unke pair tak hath phiraya. Mai ne didi ki sundar sharer ke ek ek inch par apna hath phera aur chuma aur maza liya. Mera nazar ghari par gaya to dekha ki rat ke 1.30 baj rahe hain, iska matlab tha ki mai kareeb pichle do ghanton se didi ki sharir se khel raha tha. Phir maine apni didi ko peeth ke bal leta diya aur kamare ki roshni me unko dekhne laga. Didi nangee ho kar mere nazron ke samne chit leti hue thee aur un ka nangee sharer duniya ki sab se aacchee lag rahee thee. Unki chunchee kareeb 36″ patlee kamar, sapat pet, thora ubhra hua unki peru, halke bhure rang ki jhanton se dhankee hue unki choot. Unki janghe na khub moti na bilkul patli bilkul thos aur bilkul chikni thee. Didi is samay apni ankh band karke dono pair ko ghutne se mor kar dono janghe dono taraf failaye hue thee aur apne chote bhai ko apni nangee roop ka darshanKarwa rahee thee.
Maine un ke pass let gaya aur apne lund ko dekhne laga. Is samay mera lund khara hokar 8″ lumba ho gaya tha. Main apna lund didi ke hathon me de diya. Didi mera lund apne hathon me kas kar pakar liya aur apni ankh khol diya. Didi mere taraf dekhti hue mujh se boli, “bhai , meri chunchee aur ghundi ko maslo” mai apne dono hathon me unki nipple ko ragarne laga. Didi apne hathon me mera lund ko pakar kar sahala rahee thee. Mera lund ko ragarte hue didi mujhse boli, “tera lund to bahut bada hai bhai, kisi ko kabhi tumne choda hai.” mai didi ki baton ko sun kar samajh gaya ki didi bhi ab garm ho agyaee hai aur khule labjon me lund, choot aur chudai ki baten kar rahee hai. Mai tab didi ki chunchee ko masalte hue bola, “didi, aaj pehli bar to tumhari mast chunchee aur choot dekhi hai. Mujh bachhe se kaun chudwayegi.” tab didi boli, “tera lund to bahut mast hai, tu to kisi bhi choot ko phar sakta hai.” didi ki bat sun kar mainNe dhire se didi ke kan me kaha, “didi, tu mujh se chudwayegi.” didi boli, “aaj nahi, baad me dekhungi. Abhi to choochi ka maja lelo.” tab mai didi ko chumte hue bola, “didi, chudwaogi nahi to kam se kam lund ko choot par ragrne to do, promise, chodun ga nahi.” didi mere taraf dekhte hue muskura kar boli, “dekh, chodana mat, meri tango ke beech me aa ja.” main to isi ghari ka intijar kar raha tha. Didi is samay jawani ki garmee se garam hai, aur mai samajh raha tha ki agar mai apna lund didi ki choot me ghuser diya to meri didi khushi khushi usko apane chhot me pelne degi. Lekin mai koi jald bajee nahee karna chahata tha aur janta tha ki aaj didi ne mujhko apne sharir ka anand uthane diya aur kal wo mere lund apne kasi jhanton se dhaki choot me pilwane ke liye khud ba khud kahe gee. Mai unke dono khuli janghon ke beach baith gaya. Mere baithte hi unhone apni janghon ko aur phaila diya aur mai unki choot ko apne hath me lekar masalne laga. Didi meri taraf dekhtee hue muskura kar boli,“dekh, tune promise kiya hai ki mujhe nahi chodega.” phir didi ne pane hathon se mera lund ko pakar liya aur mujhe chup chap baithe rahane ke liya boli.
Didi apne hathon se mera lund ko pakar kar apni choot ke upar ragarne lagee. Wo dhire dhire mere lund ko apni choot ke upar se neeche aur neeche se upar ragar rahee thee. Pahale to didi dhire dhire ragar rahee thee phir un ke ragrene ki speed bar gayee aur unki muh se siskari niklne lagee aaaaaaaaaaahhhh,bhaiya aaaaaahhhhhhh mazaa aa raha hai uuuuuuufffffff. Maine to bas didi ki kamar pakar kar baitha hua tha aur didi jor jor se mera lund apni choot ke upar ragar rahee thee. Thori der ke bad mujhe didi ki choot ki chiknai mere lund ke upar hone ka ehsas hua. Maine neeche ki taraf dekha to paya ki mera lund kareeb adha inch didi ki choot me dhasa hua hai. Didi ki muh se siskari nikal rahee thee aur wo bol rahee thee, “ahhhhhhhh ohhhhhhhhhhhh mar gayeeeeee, ahhhhhhhhh bahooooooooooot majaaaaaaaaaa ahhhhhhhhhhh, mai gayeeeeee aur unke hath eka ek tham gaya. Usi samay mera lund bhi pani chor diya. Mere lund se pani niklte hi didi ne mera lund apni choot se nikal diya aur apne hathon me wo pani le liya aur usko apni peru aur pet par malne lagee. Phir didi neMujhko apne upar khinch kar leta diya aur mujh ko apne hathon me le kar chumne lagee. Mujh chumte hue didi boli, “thank you bhai, mujhe aisa maja kabhi nahi mila. Tum bahut mast ho aur tumhara lund khakar koi bhi larkee ya aurat mast ho jayegi. Tumhe maja aya bhai.” mai bhi didi ko chumte hue didi se bola, “didi, tum bahut sundar ho, aur tumhara choot bahut hi gudaj hai. Ek dam taza maal, man karta hai ki har samay tumhare nange badan ko sahlata rahoo aur tumharee choot me apna lund pelta rahun. Didi ek bar mujh se jarur chudwana, bahut maja dunga. Didi mujh se kas kar liptate hue boli, “aaj to man bhar gaya, chudai ka baad me soochen ge. Abhi aaj mujh se chipak kar so ja.” hum log ek dusre ko apne bahon me bhar kar so gaye. Jab ankh khuli to dekha ki subera ho gaya hai. Hum log jaldee se apne apne kapre pahane aur kamare ke bahar nikal aaye. Kamare se bahar nikalne se pahale didi ne mujh se promise karwaya ki mai kisi ko bhi kal rat ki bat nahee bataun ga. Maine bhi didi se promiseKiya ki kal rat ki bat kisi se bhi nahee bolunga ,
Next rat ko apne kamare me mai aur didi kal rat ka khel jari rakha. Us rat mai bahut koshish karta raha, lekin didi ne mujh ko lund apne choot me dalne nahee diya. Didi ne apne hathon se mera lund pakar kar apni choot se laga kar ragartee rahee. Han, aaj didi ne mera lund kal se jyada andar tak liya tha . Mai bhi man hi man me eh soch raha tha ki aaj nahee to kal rat mai apni didi ki choot me apna lund dal kar chodun ga. Didi bhi bahut garma gauee thee aur mai eh jan raha tha agar mai thora koshish karun to didi mera lund apni choot me ghuserne de dengee.
Meri didi apne saheli ki shadi se laut aayee haiaur wo mujhko dekh kar muskura kar ankh mar dee. Mai samajh gaya ki ab mai apni didi ki choot me bhi pana lund pel sakta hun. Hum log thori der tak bate karte rahe aur rat ka khana khaya . Kareeb adha ghante ke bad mere sharer me ek ajeeb si shurshurahat hone lagee aur mujhko laga ki mera lund mera pant phar dega. Sab soo gaye aur mai bhi apni didi ke sath sone ke liye apne kamare me chala aaya. Kamare me aakar hum aur didi baten karne lage.aur baten karty karty hum leat gay ,
Didi ne mujhe apne se lipta kar mujh kas kar chum liya aur boli, “bhai, mai kal rat ko bahut miss kiya hai. Mai aaj ki rat tumahre kal rat na hone ki sab badla le lunge.” mai samajh gaya ki didi aaj ki rat apne chote bhai se apni choot phorwagee. Mai bhi didi ki chunchee par apna hath pher kar, daba kar unko mast kar raha tha aur unke kapre utar raha tha.main didi ke badan se chaddar kheench liya to dekha ki didi bilkul nangee so rahee hai. Chadar kheenchte hi didi jag gayee aur mujh se lipte hue boli, “bhai, meri chudai kar, mai apni choot ki khujlee se bahut pareshan hun. Tu aaj apna lund meri choot me dal kar uski aisee chudai kar ki uski saree khujlee dur ho jaye.” mujhe aur kya chahiye.
Mi phir kareeb ek ghante tak didi ki sundar bhara bhara nangi badan se khelta raha. Didi bhi bahut garam ho gayee thee aur apne hi hatho se apni choot me unglee karne lage aur mujh se boli, “bhaiya kyon satate ho, dal do na apna mast lund meri is rasilee choot me aur chod chod kar phar dalo. Meri choot lund aur us ke chudai ke liye taras rahee hai. Ab jaldee karo aur mujhe chodo.” mai bhi ab tak garam ho gaya tha aur maine apna laura didi ki choot ke ched se bhirate hue didi se bola, “didi kyon ghabaratee ho, abhi to rat puri paree hai. Mai aaj tum ko aisa chodun ga ki tumharee choot khul jaye gee aur kal tum theek tarike se chal nahee pao gee. Lo ab sambhalo apni choot aur ab mai apna laura tumharee choot me pelta hun.” didi mujh se lipte hue boli, “oh! Bhaia meri choot to tumhara lund lilne ke liye khuli ki khuli hai. Tum ab dalo bhi, kyon der kar rahe ho.” phir mai didi ki choot me apna lund ek hi jhatke ke sath dal diya aur didi oh! Oh! Ahh! Mar dala bolne lagee. Mere pahali jhatke ke sath hi didi ki choot ki jhilli phat gayee aur didi chatpatane lagee aaaaaaaaaaaahhhhhhhhhhh uuuuuuuuuffffffffffffff mummy aaahhhhhhhhhhh phat gayee aahhhhhhhhhhhh isi baat se darti thi ki tera lund meri choot phad dega aur bolne lagee, “oh! Ahh! Bhai ab nikal lo.
Lagta hai ki meri choot tune phadd di hai. Mujhe apni choot dekhne de.” mai didi ko chumte hue aur hath se unki chunchee ko dabate hue bola, “didi ghabarao nahee, tumharee choot nahee uski jhilli phatee hai aur ab tum kuwari nahee balkee ek chudi chudai aurat ban gayee ho. Ab tum dil khol kar mere lund ke dhakke apne choot se khao aur choot ka pani nikalo.” mai eh kahate hue didi ki choot me pana lund danadan pelta raha. Thori der ke bad didi ko bhi maza ane laga aur apne pair mere kamar par rakh kar mujh se lipte hue bole, “bhai, bara maza aa raha hai. Tum meri choot main lund se chot laga rahe ho aur mera sara badan halka ho raha hai. Chodo, chodo bhai aur tejee se chodo. Meri choot aaj itne dino ke bad apni pani chorne wali. Please is samay mat rukna. Aur jor jor se chodo. Mai ab jharne wali hun.” mai apna chodna rok kar didi ka chehera dekh raha tha jo ki is samay choot chudai ki garmee se chamak raha tha. Mere rukte hi didi jhalla kar hum se boli, “sale bahanchod, hamri itnee acchee choot tere ko mufat me chodne ko mill gaya to nakrha mar raha hai.
Chod sale chod apni didi ki choot mar aur tezi se mar. Sale gandu ruk kyon gaya, chod na apni didi ki choot apne lund ke dhakke se.” mai didi ki baton ko sun kar un ko ankhe phar phar kar dekhne laga. Waise didi ki muh se gali bahut acchee lagee. Didi ne apni kamar uchal kar mera lund apne choot me phir se le liya aur mujh se boli, “mere acchee bhai, kyon tarpa raha. Aur 10-20 dhakke mar aur meri choot ka pani nikal de. Mai ab jharne wali hun. Is samay tu apni chudai jari rakh aur meri choot mar.” mai didi ki bat sun kar phir se didi ko chodna shuru kar diya aur wo boli aaaaaaaahhhhhhhhh bhaiya chodoo zor se ragar do mujhe massal do is komal kali ko,salle kutee phadd de bhosda bana de apni behan ki chut ka sam bhaiya aaaaaaaaaaahhhhhhh ,uuuuuueeeeeei uuuuuuuufffffff aaahhh fuck,chodo aahhh marro meri chut aaahhh sam main tab tak pelta raha jab tak mera aur didi ka pani na nikal gaya. Didi ki pahali chudai khatam hote hi didi mujh ko chumne lagee aur mujh se boil, “bhai bara maza aaya apni choot tujh se chudwane me. Sahi me tu bahut hi acchha chodta hai. Aaj meri choot tera lund khakarDhanay ho gayee. Ab bol tera kya programme hai, sone ka ya aur kuch karne ka.” mai didi bat sun kar samajh gaya ki didi apni choot pahalee bar chudwane ke bad bhi man nahee bhara hai. Isliye mai didi ke nangee chunchee par hath pherte hue kaha, “didi mera man ek chudai se nahee bhara. Mai chahata hun ki mai ek bar aur tumhara choot me apna lund ghuserun aur kas kas dhakka marte hue ek bar aur chodun.” didi mera bat sunte hi jhat se mera lund pakar liya aur mujh se boli, “tera lund pharak raha hai aur choot bhi phudak rahee hai tera lund ko khane ke liye. Phir der kis bat ki chal phir se shuru karte hain apni chudai.” mai didi ki bat sunte hi phir se unke upar char gaya aur unki chunchee hathon se pakar kar chusne laga. Phir mai didi ke pair phaila diya ur unke beach baith kar dono hathon se unki choot phaila diya. Choot phaila ne ke bad mai didi ki choot me apna muh laga diya aur un ki choot chusna shuru kar diya. Choot ki chusai shuri hote hi didi apni kamar uthane lagee aur apni choot mere muh par ragarne lagee.
Mai bhi didi ki dono chutar ko pakar kar jitnee dur tak jeev ja saktee hai apni jeev andar dal kar unki choot chatne laga aur chusne laga. Didi apni choot hum se chuswate hue thori der me hi jhar gaye. Jharne bad didi uth mera laura apne hathon se pakar kar apne muh me bhar liya aur chusne lagee. Thori der ke bad mai bhi didi ki muh ke andar jhar gaya aur didi mera sara ka sara rash pee gayee. Thori der ke bad hum log nange hi ek dusre se lipt kar so gaye..agar kissi ki choot iss story ko padd ke gilli huyee ho to mujhe zaroor mail karna sexysam98726@gmail.com par main apne khadee lund ke sath aapki wait karoonga,aur hum bhi zanat ka mazaa lenge,common al me.urs sexysam.
Hot Chachi
Ek din mere sare ghar wale mere cousion ki shadi mein gaye to chachi ne kaha ke min bhi nahin jaoonge mein yahin vishal ki dhek bahll karoongi chacha ne bhi haan kerdi to ghar wallon ko bhi itraz nahin houa aur wo hum dono ko choodh ker chle gaye mein un ko airport per drop ker ke wapis agaya aur khelene chhala gaya sham 6:00 baje mein wapis aya chachi se khana manga tu unhoon ne kaha ke khana tu tyar hai bas rooti dalni hai tum aisa karo kitchen mein hi ajao mein roti dalti honn tum khalena mein kitchen mein chala gaya chachi rooti dall rahi thi ke light chali gai kuch deer batt garmi ki wwaja se chachi ki saree aur blouse bheg gai aur un ka bra nazar aney laga mein khur ho gaya aur un ke breasts dekhne laga kuch derr to chachi ne notice nahin liya magar kuch deer bade unhoon ne dekh liya ke meri nazrein un ke breasts per hain unhoon ne muskurate houe poocha ke kya dekh rahi ho mein nervous ho gaya aur kaha ke kuch nahin app ko garmi lag rahi ho gi mein khana kha chooka hoon app kuch deer hawa mein ja ke beth jain uunhoon ne kaha nahin mein naahaane ja rahi hoon tum derwaza check ker lena mein derwaza check kerne gaya aur wapis aya to wo bathroom mein thin tu mein apne room mein chala gaya jo baraber mein hi tha aur un ke bath romm ka ek derwaza mere room mein bhi khulta tha jab mein apne room mein gaya too mein ne pani ke awaz suni ekdam mere zehen mein khayal ayya ke kyon na mein chachi ko nangi dekhoon mein foren bed se utha aur bathroom ke keyhole se dekhne laga chachi candle light mein naha rahi thin .
Oh god!!! Mein ne phli baar un ko nanga dekha tha un ke breasts itne bade the ke mein bass un ko hi dekhta raha mere body mein ek ajib kisam ka current dorh gaya mere lund (my penies) ek dam khara hone laga mein ne us ko apne hath mein liyya aur hilane laga(mastrubation) hilat ehilate mein ne side maze per rakhe hue guldan ko gira diya us ki awaz sun ker chachi ne mere bedroom wale gate khole ker jhanka ke patanahin kya houa magar jab unhoon ne mujh he apna lund(penies) pakre hou dekha to ek dam chonk gayin mein bhi ek dam apne lund ko under ker ke zip lagane laga chachi bhi ek dam wapis chale gain after 45 minutes unhoon ne mere bedroom ka derwaza khtkataya mein ek dum nervous ho gaya ke pata nihin ab kya ho ga kher mein ne derwaza khol diya chachi ne lightblue color ki sareeaur matching blouse phenrakhi thi wo under ayinn aur mere bed per beth gayein kuch derr badd unhoon ne kaha ke mere pass aoo mein ghabrate hou un ke pass ja ke khara ho gaya unhoon ne mujhe se poocha ke tum mujhe kitni ddafa bath lete houe dekh choke ho mein ek dam ghabr gaya mera pasina bhi chot gaya unhoon ne meri y e halat dekhi tu muskurain aur kaha ke mjuhe batao mein kisi ko nahin baton gi agar tum ne nahin bataya tu batadoon gi mein ne foren kaha mujhe maff ker dein yeh phli barr houa hai werna mein ne is se phlee kabhi bhi aisa nahin kya unhoon ne kuch deer bad kaha ke kya min tumhein achi lagti hoon mein ne kaha hann app mere chachi hain mein app ko bohat like kerta hoon unhoon ne kaha ke mein jo kahon gi tum maan lo gay mein ne kaha ke azma ke dekh lein unhoon ne kaha ke apni pent utaro mein ekdam phir ghabra gaya aur un ki shakal dekhne laga unhoon ne kaha agar tum ne mera kaha nahin mana tu mein sab ko batdoon gi key tum ne mujhe naked dekaha tha mein aur zyada pereshan ho gaya unhoon ne phir kaha ke apni shorts utaro mein ne kaha ke kyon unhoon ne kaha ke tum ne mujhe naked dekaha tha us liye mein bhi tumhein naked dekhoon gi after that wo mere karib ayin aur meri shirt zabardasti utr ne lagin.
Ii se meri aastien phat gai mein ne kaha ke ok mein utar raha hoon mein ne apni kameez utar di phir unhhon e kaha ke shorts bhi utaro mein ne kuch deer bad wo bhi utar di mein apne underwear mein un ke samne khara tha mujhe bohht sharam arahi thi unhoon ne kaha ke yeh bhi utaroo mein tumhein naked dekhna chati hoon mein ne manna ker diya tu unhhon ne mere karib aker mere ek slap mara aur kaha madarchod utarta hai ke nahin mein un ke munn se gali sun ker ek dam heran reh gaya unhoon ne jaldi se mere underwear nechee ker diya mera lund us waqt 8” bada tha wo us waqt kisi khambey ki trhan khara tha chachi ne mere lund ko hath miein liya tu mujhe ek ajib sa maza aya aur mere mun se siskari nikal gai unhoon ne kaha ke tumhare chach ka to 6” hi lamba ho ga magar tumhara tu us se bhi bada hai tumhare chacha tu sex kerna jante he nahin hain un ka luund mere under jate he pani chod deta hai kya tum ne kabhi kisi ke satt sex kiya hai mein ne kaha ke nahin tu unhhon ne kaha ajj mein tumhen ek naya game skhaoon gi tumhein football bhoot pasand hai na yeh khel us se bhi acha hai us ke baad unhoon ne mere hooton pe kiss kiya mein bhi apna kaboo kho betah aur un ko apni bahon mein le liya wo kiss mujhe hameesha yadd rahe gi un ke hooton ko jab mein ne apne datoon mein dabaya tu mujhe bohott maza aya un hoon ne mujhe 20-25 minutes tak kiss diya phir kaha ke mere bedroom mein chlalo mein naked hi un ke sath bed room mein chala gaya whan per unhoon ne mujhe bed per dahka ddiya aur mri lund ke pass a ker us per thookh diya phir mera lund apne moon mein lle ker ice cream ke trhan chosna shroo ker diya mein tu asman per poonch gaya mein bata naihn sakta ke kitna maza aya tha after 30 minutes mein ne kaha ke mere pani nikalne wala hai app moon se nikal dein mera lund unhoon ne kaha ke mere moon mein hi gira doo mein kab se pani peene ke liye beqarar hoon mein ne un ke moon mein hi apni pani gira di mujhe achi trhan.
Yadd hai ke is se phle meri pani itni zyada nainh nikli thi unhoon ne meri sari pani pe li phir kaha ke tum ko meri bodymein sab se zada kya cheez pasand hai mein ne kaha app ke breasts unhhon ne kaha door se tu dekh hi chuke hoo kya chona chate hou mein ne yeh sunte hi un ko apni taraf khench liya aur un ki blouse ke button kholne laga blouse utar ker mein ne bed ke niche rakh di unhoon ne black color ka bra phna houa tha aur un ke boobs bhot tight ho rahi the mein ne ek dam left boobs per haat rakha aur un ko kiss kerna shroo ker dia mein kafi der tak un ke breasts ko dabata raha phir mein ne bra kholne ki koshish ki magar wo mujh se nahin kulha chachi hans pari aur apna bra mere liye utar diya mein un ke boobs dekh ker pagal ho gaya uff itne bade breasts mein ne phli barr dekhe the mein ne forren un ko apne mun mein le liya chachi ajib ajib awazein nikal rahin thin aur min un ke boobs choos raha that un ke red nipple ko mein ne choos choos ker bada ker diya after that unhoon ne kaha ke mujhe ek kiss do mein forren un ke hooton ki taraf barha tu unhoon ne kaha ke yahhn per nahin neeche mein ne kaha ke whan per kaise mein kiss ker sekta hoon tu unhoon ne jaha ke mein ne bhi tu tumhare lund ko chhos a tha ab tumhari bari hai mein ne kaha acha koshish kerta hoon phir un ke saree ka zarban kholne laga saree utarne ke baat mein ne un ki paticot bhi utar di ab wo mere samne bilkul nangi khari thin mein ne un ko bed per ltaya aur un ki chood per halke se kiss ki mujhe bada maza aya mein ne forren apni zaban un ki chood ke hootoon per rakhdi aur massage kerne laga un ki siskiya nikel ne lagin wo keh rahin thin ke
“vishallllll kha jao meri chod ko mein bhot dino se pyasi hoon meri chood ka pani le lo apne ander mujh se berdasht nahin ho ta aaaaahhhhhhhh oooooooooo yessssssssssss comion fuck me u bastard u mother fucker”
Kuch deer badd chachi ki chood mein se bhi mani nikli mein bohat heran houa ke ladies khi bhi mani nikalti hai. Hum dono ek dosre see lipat ker bed per lete gaye mein ne un se poocha ke kya app ne shadi se pehle kisi ke saat sex kya hai unhoon ne kaha ke yeh mein baad mein bataoon gi pehle meri chood ko thandi tu ker do mein ne kaha ke theek hai mera lund dobara choosein unhoon ne kaha ke 69 possition mein ho jao mein ne kaha ke yeh kya hota hai to wo kehnelagin ke sedhe lete jao mein sedha late gaya wo mere upper is trahan leti ke un ka moon mere lund ki taraf aur un ki chood mere moon ki taraf phir unhoon ne kaha ke yeh hai 69 position ab tum mere chood chato mein tumhara lund choosti hoon humdoono choosna aur chatna shroo ho gaye 5-10 minute badd merea lund phir se khara hona shroo ho gaya pata nahin un ke choosne me kya jadoo tha ke mere lund itna khobsorat pehle kabhi nahin laga tha mein ne kaha kya mein app ki chood mein dall donn unhoon ne kaha ke deer kyon ker rahe hoo ajaoo likin ek minute roko wo bed se uthin aur maze ki drawer mein se condome ka packet nikala aur mere lund ppe charha diya aur kaha mein abhi pregnant nahin hona chati phir unhoon ne mere lund per cream lagai aur kuch apni chood per bhi lagai aur ghori ban gai aur kaha kai mere under ajao mere jaan mein ne apne lund ki topi un ki chood per ragri unhoon ne ek dam mujhe kaha kyon tdpa rahe ho mere jaan jaldi se mere under dall do mein ne ek zoor dar jhtka lagaya un ki cheikh nikal gai unhoon ne kaha aram se dalo mein ne aram aram se kerna shroo ker diya un keya tu wo kehhne lagin madarchood bhenchood chood de mujhe meri chood phar de aaaaaaaaaahhhhh maza arhah hai zor se karo abb mein ne zor se ker na shroo ker diyya kuch time badd mein ne appna lund un ki chood mein se nikal liya unhoon ne poocha ke kya houa mein ne kaha min apne andaz se kerna chahata hoon unhoon ne kaha jo tum chaoo karo bus mere under dall do mein ne un ko apnei guud mein uthaya aur apna lund un ke under daal ker un ko..
Uchalne laga mujhe bhot mehnet kerni pari magar is andaz mein mujhe bhoot maza araha tha 10 badd mein ne chahci se kaha ke meri nikalne wali hai unhoon ne forren mera lund nikal ker us pe condome hata diya aur apne moon mein lle ker choosne lagi mere mani phir nikal gai kuch deer badd mein ne chachi se kaha mein app ko phir choodna chatta hoon unhoon ne kaha ke sabar karo ab kal karen gay hamare pass poora ek hafta hai mein ne kaha min ab app apni story mujhe sunain unhoon ne kaha mein ne sex apni bhen ke saat kiya tha jis ka namm saman hai mein ne kah a ke uss ko bulalijeye min us ko bhi maza de sektaa hoon unhoon ne kaha ke thik hai mein baat karrongi kel tu mein ne use waise bhi bulaya hi don’t worry. Wo ek alag kahani hai app ko baad mein sunaoo ga phle yeh batayie ke mere true incident kesa la
mai ye story se un sabhi sexy gals n bhabi,,,aunty ko invite kar raha hu jo sex ke liye bhukhi ho,,,
plz reply me on my mail d,,,n ask my cell number,,,cm fast,,,r u first to cm wid me,,,mail me on shaansharma_4ever@yahoo.co.in
Friday, April 24, 2009
Young Girl
Hi friends Apne meri pichli do kahaniyon ko bahut saraha Is liye main apka shukragujar hoon.
Aaj ki kahani bhi ek satya ghatana hai jo mere saath last week hoi.
Mere samne wali building main ek jawan 16 saal ki ladki rehti hain jo bahut hi sexy,sunder and fair hai. woh bahut hi masoom lekin haseen lagti hai. Mai usey last four yrs se jaanta hoon aur mann hi mann chahne bhi laga tha. Hamari acchi khasi dosti hui. Woh ek conservative Jain-Gujrathi family se hai.
Last one month se woh mere ghar computer sikhne aane lagi. Is darmiyan hamare bich nasdikiyan badhne lagi. Mai usey computer sikhane ke bahane uskey kareeb jane laga. Kahi baar mera haath uske boobs ko touch hota.Last Sunday kuch yoon hi hua. Usne mujhse kuch difficulty poochi aur main jaise uske kareeb aya mera jism ka uskey jism se sparsh hua. Main jaise niche jhooka toh mere hooth uske labhon ke close aye aur maine ekdum se usey kiss kiya. Pehle toh woh ekdum se surprised ho gayi aur sharmagayi. Lekin maine phir se uskey hoothon ko chuma aur usey chair se halke se utha kar apni bahoon main liya.
Maine usey kaha Bijal (her name) kya tumhe maloom hai ki tum kitni khoobsurat ho? Yeh kehte mai usey bedroom le gaya. woh to thodi shock hui thi lekin uski eyes main maine saaf dekha hi woh bhi mere saath aaj sex karna chathithi.
Lekin usey sex ka koi andaja nahi tha. Maine jaldi se apni pant aur shirt utar di aur sirf underwear main tha.Ab maine usey bed paar sulaya aur uskey hooth chusne laga. Uske baad mai uski choti boobs ki aur badha aur usey bahut acchi tarah se massage kiya. Woh abhi madhosh hone lagi.
Maine uske t-shirt ko jaaldi se utara aur uski black color ki bra ke buttons ko nikal diya. Ab uski boobs mere ankhon ke samne thi.woh bahut hi fair hai uskey boobs ko maine apne mouth main dala aur daton se chusne laga.Woh siskane lagi aur aaaaahaa ouchh karne lagi.
Mai abh bahut hi diwana ho raha thamaine uske neck,shoulders,armpits,forehead,nipples,navel aur abdomen ko madly kiss kiya. meri tongue uske jism paar sabhi directions main thi.
Abh mera lund bhi uchalne laga tha. Maine apni chaddi ko utar diya aur mera 7 inch lumba cock ko bahar nikala. Woh usey dekh kar sharmayi aur boli baapre Ajay sir apka cock bahut big hai size main.
Maine usey poocha kya tumne kisa ka lund dekha hai kabhi? woh boli nahi. Maine apna lund uske hathon main diya aur usey apne mouth main chusne kaha. pehle toh usey yeh kuch maloom nahin tha lekin maine usey sabh samjhaya toh woh jaan gayi aur woh meri lund ko apne mouth main lekar chusne lagi.
Abh toh main paagal sa hoga tha aur mere hosh hi ud rahe the. maine usey 69 ki position main chudna start kiya aur jaldi se uski jeans ko remove kiya and the silk panties she was wearing. maine uski chooth ko chatna start kiya. Uski chooth bahut hi clean aur gori hai.
My tongue was now darting over her pussy and it tasted sweet.Maine apne fingers uski bhur main dalna shuru kiye toh woh shout karne lagi. maine usey relax hone ko kaha aur uski gori back paar mera cock se usey gudgudee ki.
Uski chooth bahut gili hui thi aur woh 3 times jhad chuki thi. Maine freeze se Ice cream nikala aur uskey bhur main dala toh woh ekdum husne lagi.Usey comfortable dekhkar mai apna lund slowly jerk dete dete uski bhur mai dalne laga.Pehle toh woh rone lagi lekin baad main usey bahut maza ane laga. Finally mera lund uski bhur main poori tarah se ander gaya. And maine ek jhatke main uskey lovehole main bahut sara cum dal diya. woh ekdum se aaaah hooaaaah karke grunt kar rahi thi.She had reached her fourth orgasm. Usne mujhe kiss karke kaha “I love you my darling”.
Humne uske baad phirse 3 times sex kiya same evening. Without condoms kiya isliye mujhe dartha kahi woh pregnant na ho. Maine usey sath nahane ke baad usey contraceptive pill di.
Aaj bhi yeh kahani likhne se 3 hrs pehle humne intercourse kiya.
So friends how was this real life incident.
Punjaban Parosan ki Chudai
ye h kahani sachi hai,main aapka sexy sam aapke liye naya exp. laya hoon.Mere ghar ke pados mein ek pariwar rahta tha. Unki ek ladki thi. Uska naam Neelam tha. Uski
umar lagbhag 17-18 saal ki thi. woo eekdam mast cheej thee uske boob
30-32 size ke the or wo thodi si moti the apni body se wo poori jawan
ladki lagti thee Unke ghar par ek computer bhi tha. nilam bahut hi
sexy thi. Main use chodna chahta tha woo bhi mujhe ate jate apne ghar
ki chat par se dekhti thee or mujhe dekh kar muskurati bhi thee lekin
koyee mauka nahin mil pa raha tha.
Ye us samay ki baat hai jab nilam ke parents 5-6 din ke liye kaheen
chale gaye the. Ghar par kewal nilam hi akeli thi. 2sre din nilam
apne ghar ke bahar darwje par mujhe khadi dikhai di mi ne use dekha to wo muskurai or mujhe bulaya jab main uske paas gaya to wo boli ki aap ko agar computar theek karna aata ho to plz… hamara computar deekh do na plz,, or mujhe ghar me aane ka ishara kiya ne mujhe ghar
bulaya. Main college ja raha tha isliye maine shaam ko aane ke liye
kah kar college chala gaya. College se wapas aane ke baad main nilam
ke ghar 5 baje shaam ko pahuch gaya. Maine call bell bajayee to nilam
ne darwaza khola. Usne kale rang ki skirt aur pink rang ki t-shirt
pahan rakhi thi. Usne andar kuchh bhi nahin pahan rakha tha. Uski
choochiyon ke dono nipples bahar se hi mahsoos ho rahe the.
Main ghar ke andar gaya. Wo mujhe computer ke paas le gayee. Maine
computer ko on kiya aur check karne laga. nilam chaye banane chali
gayee. or mi computar ko on karke chak karne laga. Maine ek folder ko
khola jo nilam nilam banaya tha . Us mein bahut saari adult pictures
ki files thi. Main un pictures ko dekhne laga. us me net se download
ki hui bhoot sari sexy pic thee. mi un pic ko dekne laga. Thodi der
baad nilan chaye le kar aa gayee. Us samay computer screen par jo
photo thi us mein ek aadmi ek ladki ko doggy style mein chod raha
tha. Wo mere bagal mein baith gayee aur boli, “plz. Ye files band kar
do. Ise mat dekho.” Maine kaha, “bahut achchhi picture hai.” nilam ka
chehra sharam se lal ho gaya. maine kaha “bahut achchhi picture hai.
Plz. Mujhe dekhne do. Wo boli, “plz. raj band kar do ise.”
Maine kaha, “main koi galat kaam thode hi kar raha hoon. Aakhir tum
bhi to ye picture dekhti hogi. Tum bhi jawn ho aur main bhi. Tumne
kabhi try kiya hai.” Wo chup rahi to maine phir poochha. Wo
boli, “main abhi tak kunwari hoon. Maine kabhi kisi se nahin karwaya
hai.” Maine us se jhooth bola aur kaha, “maine bhi aaj tak kisi ladki
ke saath kuchh nahin kiya hai. Ghar par bhi koyee nahin hai. Chalo,
aaj hum dono ise try karte hain.” Usne inkar kar diya to maine
poochha, “kyon?” Is baar wo kuchh nahin boli aur usne apna sar doosri
taraf ghuma liya. Maine uske chehre ko pakad kar apni taraf ghumaya
to usne mera haath jhatak diya. Maine phir poochha, “hum dono hi
kunware hain aur aaj achchha mauka hai. Tum bhi jawan ho aur main
bhi.Ghar par bhi koyee nahin hai. Humein try karna chahiye.”
Wo ek dam chup rahi. Maine uski janghon par haath phirana shuru kar
diya to usne mera haath pakad liya. Usne apni dono janghon ko ek
doosre par rakh kar jor se daba liya. Maine uski janghon ko sahlate
huye apna haath uski janghon ke beech ghusa diya. Mera haath seedha
uski chut par laga. Usne neeche bhi kuchh nahin pahan rakha tha. Uski
chut ek mulayam aur chikni thi. Usne is baar mera haath nahin hataya.
Main samajh gaya ki mera kaam ban jayega. Maine uski chut ko sahlana
shuru kar diya to uski sansein bahut tez chalne lagi aur uska chehra
ek dam lal ho gaya. Wo kuchh nahin boli.
Thodi der tak uski chut sahlane ke baad main utha. Maine use god mein
utha liya aur bedroom mein le jaane laga to usne apna chehra mere
seene mein chhupa liya. Bedroom mein le ja kar maine use bed par lita
diya. Maine uski t-shirt aur skirt utar di. Uske kapde utarne ke baad
maine bhi apne saare kapde utar diye. Mujhe nanga hote dekh usne apni
aankhein band li lekin uske chehre par muskurahat thi. Uska
sangmarmar sa gora badan ek dam nanga mere samne tha. Mujhe josh aane
laga. Main uske hothon ko choomna shuru kar diya. Thodi der tak
hothon ko choomne ke baad maine dheere dheere uske chuchiyon ko, pet
ko, janghon ko aur phir uski chut ko choomne laga.
Wo ek dam garam ho gayee aur siskariyan bharne lagi. Mera lund bhi
khada ho kar josh se ek dam lohe jaisa ho gaya tha aur jhadne wala
tha. Maine apna lund uske muh ke paas kar diya aur choosne ko kaha.
Wo kuchh nahin boli. Maine uske muh mein apna lund ghusane ki koshish
ki to usne apna muh idhar udhar karna shuru kar diya. Thodi der na
nukar karne ke baad aakhir mein usne apna muh khol diya. Maine apna
lund uske muh mein dal diya aur wo use choosne lagi. Main uske upar
let gaya aur maine uski chut chatni shuru kar di. 2 minute baad hi
main uske muh mein jhad gaya aur usne mere lund ka sara paani nigal
liya. Lund ka saara paani nigal jane ke baad bhi usne mera lund
choosna zari rakha. Wo bhi ab tak bahut josh mein aa gayee thi aur
uski chut se bhi paani nikalne laga. Maine bhi uski chut ka saara
paani chat liya. Wo ek dam namkeen aur kuchh kuchh khatta tha.
10 minute mein hi mera lund phir se khada ho gaya. Main bhi abhi tak
uski chut ko chat raha tha aur wo bhi apna chutad utha utha kar maza
le rahi thi. Hum dono bahut josh mein aa gaye the. Main uske upar se
hat gaya aur use doggy style mein hone ko kaha. Wo kuchh nahin boli
aur chup-chap uth kar doggy style mein ho gayee. Usne apna sar takiye
par tika diya. Main samajh gaya ki wo chudwane ke liye ek dam bekabu
ho rahi hai. Main uske peechhe aa gaya. Maine uski chut ko pahila kar
apne lund ka supada uski chut ke beech rakh diya. Wo kuchh nahin
boli. Maine apna lund thoda sa andar dabaya. Uski chut bahut tight
thi aur kewal mere lund ka supada hi uski chut ke andar ghus paya.
Maine thoda aur dabaya to wo pahli baar boli, “plz. zara dheere.”
Main samajh gaya ki wo ek dam josh mein aa gayee hai. Maine apna lund
thoda aur andar dabaya to wo siskariyan bharne lagi. Mera lund uski
chut mein ab tak 2″ ghus chuka tha. Maine apna lund uski chut mein
dheere dheere andar bahar karna shuru kar diya. Usne bhi apna chutad
peechhe ki taraf dabaya aur siskariyan bharne lagi, ufff… sam…
dheere… Plz. Dard ho rahaaaaaa hai….. uyeee…. mmaaaaaaaa……
aaaaaahhhhh… rukkkkkkk….. jao……. Main ruk gaya. Wo
boli, “sam, main pahli baar karwa rahi hoon. Zara aaram se dheere
dheere karo. Bahut dard ho raha hai.” Maine kaha, “tum ghabrao mat.
Main dheere dheere aur aaram se hi karunga. Main janta hoon ki tum
abhi tak kunwari ho aur tumhari chut ek dam tight hai.” Maine dheere
dheere apna lund uski chut mein andar bahar karna shuru kar diya.
6-7 minute tak chodne ke baad use bhi aur jyada maza aane laga. Wo
boli, “sam, tum apna lund thoda sa aur andar dal do. Main tayyar
hoon.” Maine thoda sa aur dabaya to mera lund uski chut mein 3″ tak
ghus gaya. Wo phir boli, “bas, ruk jao plz. Dard ho raha hai. Abhi
itna hi andar dal kar chodo mujhe.” Uska seal toot chuka tha aur wo
ab mera lund apni chut mein aaram se andar le rahi thi. Maine use
dheere dheere chodna shuru kar diya. 2-3 minute mein hi uska dard jab
kuchh kam hua to use maza aane laga. Wo boli, “Raja, thoda aur andar
dal kar aur tezi…. se chodo… mujhe.” Maine thoda aur andar dabaya
to mera lund uski chut mein 4″ tak ghus gaya. Maine apni speed ko
badhate huye use chodne laga. Wo apna chutad aage peechhe karte huye
mera saath de rahi thi.
5 minute tak chodne ke baad wo bahut jaya josh mein aa gayee aur
boli, “sam, aur andar dalo apna lund meri chut mein. Khoob tez chodo
mujhe. Ab rukna nahin, poora lund andar ghusa dena. Main ek dam
bekabu ho rahi hoon aur mujhe bardast nahin ho raha hai.” Maine apna
lund thoda aur andar dabaya to mera lund uski chut mein 5″ tak ghus
gaya. Maine use dheere dheere chodna shuru kar diya.
Thodi der tak chodne ke baad maine ek zordar dhakka laga diya. Mera
lund uski chut mein 6″ tak ghus gaya. Wo chilla uthi lekin usne mujhe
rukne ke liye nahin kaha. Maine ek final shot laga diya to wo bahut
tez chillane lagi. Mera poora lund uski chut mein ek dam zad
tak ghus chuka tha. Wo boli, “sam, tumne aakhir mujhe aaj ek ladki se
aurat bana hi diya. Maine apni chut mein tumhara poora lund andar le
hi liya. Bahut dard ho raha hai. Thoda ruk jao, tab chodna.” Main ruk
gaya.
Thodi der baad jab wo shant huyee to usne mujhse chodne ke liye kaha.
Maine Nilam ki chudayee shuru kar di. Pahle bahut dheere dheere uske
baad maine bahut tezi ke saath chodna shusru kar diya. 5 minute tak
use chudwane mein thoda dard hua lekin uske baad wo ek dam shant ho
gayee aur use maza aane laga. Usne apna chutada aage peechhe karte
huye mera saath dena shuru kar diya. 2 minute baad hi wo boli, “aur
tez chodo, mere sam raja. Zor zor se dhakke lagao.” Maine apni speed badha di
aur bahut tez tez dhakke lagane laga. Wo ab apni chut mein mera poora
lund aaram ke saath andar le rahi thi. 2 minute bhi nahin beete ki wo
phir boli, “sam, mujhe kuchh ho raha hai. Lagta hai meri chut se
paani nikalne wala hai. Khoob zor zor se dhakka lagao.” Main samajh
gaya ki wo jhadne wali hai. Maine bahut hi tezi ke saath uski
chudayee shuru kar di.
Wo boli, “aaaaaa… …… main…. aaaaaa… rahi…. hoon….
aur tez …. aur tez….. .” Uski chut se paani nikalne laga aur mera
saara lund bheeg gaya. Main bhi bina ruke use aandhi ki tarah chodta
raha. Lagbhag 20 minute tak chodne ke baad main uski chut mein hi
jhad gaya. Is dauran wo bhi 3 baar jhad chuki thi. Lund ka poora paani uski chut mein nikal jane ke baad main hat gaya.
Hum dono thak gaye the. Kuchh der aaram karne lage.
15 minute baad wo boli, “sam, plz. ek baar aur karo na. Mujhe bahut
achchhi lag rahi thi yeh chudayee.” Usne mera lund choosna shuru kar
diya. 10 minute mein hi mera lund ek dam tayyar ho gaya. Maine use
bed par lita diya aur uske chutad ke neeche 2 takiye rakh diye. Uski
chut ek dam upar uth gayee. Maine uski chut ke beech jaise hi apna
lund rakha to wo boli, “sam, mujhe bahut maza aaya tha. Is baar tum
apna lundek hi dhakke mein poora andar dal do.” Maine apni sasein rok
kar apne ko thoda tayyar kiya aur poora zor lagate huye ek karara
dhakka mara. Mera poora lund sansanta huye uski chut mein ghus gaya.
Wo bahut tez cheekh padi.
Maine bina ruke uski chudayee shuru kar di. 2 minute mein hi wo apna
chutad utha utha kar mere har dhakke ka jawab dene lagi. Maine apni
speed aur badha di. 5 minute ki chudayee ke baad wo jhad gayee. Uski
chut ek dam geeli ho chuki thi aur mera lund bhi uski chut ke paani
se ek dam geela ho chuka tha. Main ruka nahin usko chodta raha. Room
mein phach-phach ki aawaz goonj rahi thi. Is baar maine use bina ruke
usko choda aur uski chut mein hi jhad gaya. Lund ka poora
paani uski chut mein nikal dene ke baad main hat gaya aur uske bagal
mein hi let gaya.wo bhi thak kar choor ho gayee thi aur ek dam nidhal ho gayee thi. Wo
bed par hi padi rahi.
Maine use kabhi apne room par aur kabhi uske room par khoob choda.
Uske aur mere ghar ka koyee kona nahin bacha tha jahan maine uski
chudayee na ki ho. Wo khoob mast ho kar chudwati thi. Aaj bhi mauka
milte hi wo kisi na kisi bahane mere room par aa kar mujhse chudwa
jaati hai. agar koi ladki mujhse chudwana chahe to mera lund aapki pyasi chut ka intezar kar raha hai,mera id hai sexysam98726@gmail.com.aao na khel shuru karen.